ऐसा माना जाता हैं कि एक फोटो हज़ार शब्दों को बयां करती हैं।एक फोटो कैप्चर करने के लिए शटर स्पीड क्या रखना है, अपर्चर को कैसे सेट करना है और ISO कितना होगा, इन सबका ध्यान रखते हुए फोटोग्राफर नई-नई कहानियां बुनते है । एक कुशल फोटोग्राफर वही है जो अपनी फोटो के माध्यम से लोगों को कहानियां सुना सकता हैं।ऐसे ही फोटोग्राफर हैं एन. धीरज सिंह जोअपनी वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी से लोगों को कई कहानियां सुना रहे हैं।
एक साधारण नौकरी से शुरु आतकरते हुए कैसे धीरज इतने कुशल वाइल्डलाइड फोटोग्राफर बने, इसी कहानी को जानेंगे आज हम True to Gems में…
धीरज बताते हैं कि उन्होंने 2008 के बिहार बाढ़ और 2013 के उत्तराखंड प्राकृतिक आपदा के दौरान राहत बचाव के कार्यों में अपना योगदान दिया।इसीके साथ धीरज ने कई अलग-अलग कंपनियों के साथ काम किया।लेकिन एक समय के बाद उन्हें लगा कि नौकरी से इतर उन्हें खुद के लिए भी समय निकालना चाहिए औरउन्होंने एक गैप लेने का सोचा।
धीरज के एक दोस्त जो कि फैशन फोटोग्राफर है, ने उन्हें फोटोग्राफी के लिए प्रेरित किया।लेकिनआर्थिक तंगी ने उनके उत्साह को धरातल पर ला दिया।दिल्ली में कई दुकानों पर सेकंड हैंड कैमरा खरीदने के लिए निकले धीरज के हाथ केवल निराशा ही लगी, क्योंकि फोटोग्राफी को जुनून बनाने के लिए उनके पास पर्याप्त राशि नहीं थी।इसके बाद धीरज ने फिर अपना ध्यान नौकरी पर ही लगाया।
खूबसूरती कैद करने के लिए खरीदा कैमरा
नौकरी के साथ ही धीरज ने फोटोग्राफी पर भी नजर बनाए रखी और कई प्रोफेशनल फोटोग्राफर के सेशन अटेंड किए और फोटोग्राफी की बारीकियों को समझा।इस दौरान प्राकृतिक आपदाओं पर भी राहत के लिए अपनी सक्रियता बनाए रखी और समय आया धीरज के असम जाने का।यहां की प्राकृतिक खुबसूरती देख धीरज ने उसे कैमरा में कैप्चर करने का सोचा और तभी धीरज ने गुवाहाटी की दस दुकानों पर जांच परख के बाद निकॉन का कैमरा खरीद ही लिया।अपनी खींची फोटोज़ धीरज ने रिश्तेदारों और दोस्तों को दिखाई जहां से उन्हें काफ़ी सराहना मिली।इसके बाद धीरज ने कई सोशलमीडिया प्लेटफार्म पर भी अपनी फोटोज़ अपलोड की।धीरज का मानना है कि हर फोटोग्राफर अपनी फोटोज़ के माध्यम से एक कहानी और फोटो के पीछे का अर्थ बताना चाहता है, उन्होने भी ऐसा ही किया।
वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी से मिली काफ़ी सीख
धीरज ने शुरु से ही अपना ध्यान वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी पर केंद्रित किया।धीरज बताते हैं कि वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी के माध्यम से उन्होंने वन्य जीवों के व्यवहार, उनके खाने-पीने, पानी में डुबकी लगाने आदि गतिविधियों को कैमरे में कैप्चर किया।वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी और प्रकृति से धीरज ने काफ़ी कुछ सीखा है ।उन्होने बताया कि एक फोटोग्राफर को अपने जीवन की सभी समस्याओं को भूल कर प्रकृति से प्रेम करना चाहिए और अपने ऑब्जेक्ट को कैप्चर करने पर सारा ध्यान लगा देना चाहिए।
धीरज बताते हैं कि जब भी हमअपने द्वारा क्लिक की गई फ़ोटो को देखते हैं तो हमारे ज़हन में उस समय की यादें ताजा हो जाती हैं ।इस तरह एक फोटों हमारी कई यादों से जुड़ी होती हैं।
अंत में धीरज ने फोटोग्राफी को करियर और पैशन बनाने वाले युवाओं के लिए कहा कि आप कैमरे की चिंता मत कीजिए।गैजेट जरूरी नहीं होता है, जरूरी है कि आप अपनी फोटो के द्वारा क्या भाव प्रकट करना चाहते हैं।आपकी फ़ोटो दर्शकों से क्या बात करती है, क्या संदेशआप देना चाहते हैं, इस पर गौर कीजिए।
Reporting For True to Life
Mohit Sabdani From Rajasthan
Truetoliferegional dosen’t take any responsibility for this article