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साइलेंट थेफ्ट: पहचान संबंधी धोखाधड़ी के बीच प्रियंका की न्याय की तलाश

हाल ही में नालासोपारा में एक निराशाजनक घटना घटित हुई। प्रियंका प्रमोद पांगे नाम की निवासी एक वित्तीय धोखाधड़ी का शिकार हुई हैं। 2019 में एक स्थानीय स्टोर से मोबाइल फ़ोन खरीदने के लिए एक नियमित लोन आवेदन चोरी और वित्तीय शोषण में बदल गया । यह लेख प्रियंका की आपबीती और न्याय मांगने के दौरान उनके सामने आने वाली कानूनी बाधाओं का विवरण देता है।

घटना : एक वित्तीय धोखाधड़ी का खुलासा


2019 में , प्रियंका ने मोबाइल फ़ोन खरीदने के लिए नालासोपारा के अमन स्टोर में लोन के लिए आवेदन किया। एक साल हुआ ही था की उनके बैंक खाते से पैसे निकलना शुरू हो गए। कुल 7000 रूपये नियमित लोन के नाम पर उनके बैंक में से निकले जा रहे थे , जबकि प्रियंका ने कोई लोन लिया नहीं था।

यहीं से प्रियंका की इसके पीछे की सच्चाई पता लगाने की यात्रा चालू हुई।

धोके का खुलासा : चोरी की पहचान


5 अप्रैल को Truetolife से बात करते हुए प्रियंका ने एक परेशानी वाली वास्तविकता हमे बताई ,” 2020 से मेरे बैंक से ३ किश्तें काटी गयीं हैं , जिसके बारे में मुझे पूछताछ करनी पड़ी। “
उन्होंने आगे कहा की ,” मुझे सच्चाई का जब पता लगा जब एक व्यक्ति अपना लोन स्वीकृत करवाने के लिए मेरे दस्तवेज़ों का उपयोग कर रहा था। वो खुदको मेरा रिश्तेदार बता रहा था। “

आरोपियों ने दुर्भावनापूर्ण तरीके से प्रियंका के दस्तावेज़ों का इस्तेमाल किया , ” आरोपी ने यह भी दावा किया की वो अपनी बीमारी के कारन लोन भरने नहीं आ सकता। “

बीमारी का और प्रियंका की अनुपस्थिति का फायदा उठाते हुए , उस धोकेबाज़ ने प्रियंका के दस्तवेज़ स्टोर और कंपनी में जमा कर दिए , जिसे उसे लोन लेने में कोई परेशानी नहीं हुई।
” मुझे बाकि की किश्तें पूरी भरने के लिए कंपनी की तरफ से काफी धमकियों और अपमानजनक कॉल आयी। ” प्रियंका ने Truetolife को बताया।
इस व्यक्ति और वित्तीय कंपनी के इन कार्यों से न केवल प्रियंका को वित्तीय नुकसान हुआ बल्कि उनके विश्वास और गोपनीयता का भी उल्लंघन हुआ।

कानूनी सहारे की तलाश : न्याय की तलाश में चुनौतियाँ

अपनी निराशा व्यक्त करते हुए, प्रियंका ने Truetolife से कहा , ” कानूनी सहायता की उम्मीद और सहारा भी मेरे लिए चुनौतीपूर्ण रहा है। “

न्याय की तलाश में प्रियंका नालासोपारा के थाने पहुंची जहाँ उन्होंने धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवाई। लेकिन उनके हाथ केवल निराशा लगी क्यूंकि उसकी शिकायत को FIR ( प्रथम सूचना रिपोर्ट ) के रूप में दर्ज ही नहीं किया।

उन्होंने Truetolife को बताया की , ” नालासोपारा के अधिकारीयों से मेरा मदद मांगना व्यर्थ गया क्यूंकि उन्होंने मेरी शिकायत पर कभी विचार ही नहीं किया। “
कानूनी सलाहकार से सहायता मांगने के बाद भी प्रियंका को आरोपियों का सच सामने लेन में और न्याय मांगने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है ।

आगे का रास्ता : अटलता और वकालत

आने वाली चुनौतियों से बिना घबराय प्रियंका न्याय की अपनी खोज में अटल रहीं।

एडवोकेट एकता व्यास ने 6 अप्रैल को Truetolife से बात करते हुए सुझाव दिया की , “प्रियंका को नालासोपारा पुलिस स्टेशन में अपनी शिकायत फिर से दर्ज करनी चाहिए और उचित दस्तावेज़ीकरण और जवाबदेही के महत्व पर जोर देते हुए एक दस्तावेज़ ‘अपराध संदर्भ संख्या’ प्राप्त करना चाहिए।”

“इसके अलावा, प्रियंका स्टोर और फाइनेंस कंपनी दोनों को नोटिस जारी कर सकती हैं, जिसमें उनकी लापरवाही और मिलीभगत के कारण हुई वित्तीय और भावनात्मक परेशानी के लिए मुआवजे की मांग की जा सकती है।” वकील ने जोर देकर कह।

सुरक्षा उपाय


ऐसी धोखाधड़ी और सामुदायिक सुरक्षा को देखते हुए , Truetolife के माध्यम से लोगों को सलाह :

1) व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा करें: व्यक्तिगत दस्तावेज़ और जानकारी साझा करने में सतर्क रहें, विशेष रूप से अज्ञात व्यक्तियों या संगठनों के साथ।


2) नियमित रूप से वित्तीय लेनदेन की निगरानी करें: अपने बैंक खाते की गतिविधियों के बारे में सतर्क रहें और किसी भी अनधिकृत लेनदेन का पता लगाने के लिए नियमित रूप से विवरणों की समीक्षा करें।


3) संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करें. तुरंत: यदि आपको कोई संदिग्ध गतिविधि या अनधिकृत लेनदेन दिखाई देता है, तो तुरंत अपने बैंक और संबंधित अधिकारियों को इसकी सूचना दें।


4) कानूनी सहायता लें और उचित शिकायत दर्ज करें। वकील जैसे कानूनी पेशेवरों से परामर्श लें। कानूनी प्रक्रिया में कैसे आगे बढ़ें और अपने अधिकारों की रक्षा कैसे करें, इस पर मार्गदर्शन के लिए एकता व्यास से संपर्क करें।

प्रियंका की चुनौतियों के बावजूद अपने न्याय के लिए उनकी अटलता और संघर्ष अन्य लोगों के लिए प्रेरणा है।
” जब तक न्याय नहीं मिलता में हार माननेसे इंकार करती हूँ ” प्रियं ने truetolife से कहा।

मुंबई टीम की तरफ से truetoliferegional के लिए
Truetoliferegional इस लेख की कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेता है

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