25 फरवरी 2023 । मादक पदार्थों की तस्करी में अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक संयुक्त अभियान के तहत दिल्ली में कम से कम तीन लोगों को गिरफ्तार किया और बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थ बनाने में इस्तेमाल होने वाला स्यूडोफेड्रिन केमिकल भी जब्त कर लिया। सूत्रों के अनुसार यह नेटवर्क भारत, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और मलेशिया तक फैला हुआ था। इस ड्रग तस्करी के नेटवर्क के मास्टरमाइंड के रुप में तमिल फिल्म प्रोड्यूसर की पहचान की गई है हालांकि ऐसा कहा जा रहा है कि वह अभी फरार है।
एनसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इस फ़िल्म प्रोड्यूसर और उसकी गैंग ने पिछले कुछ समय में ही करीब 2000 करोड़ रूपए मूल्य के ड्रग्स की तस्करी की। इस ड्रग्स को मिक्स फूड पाउडर और सूखे नारियल में छिपाकर चोरी छिपे हवाई और समुद्री कार्गो के माध्यम से ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड तक भेजा जा रहा था। न्यूजीलैंड सीमा शुल्क और ऑस्ट्रेलियाई पुलिस से इस बात की जानकारी मिलने के बाद एनसीबी न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहा हैं।
स्यूडोफेड्रिन का विदेशी लिंक…
स्यूडोफेड्रिन रसायन का उपयोग मेथमफेटामाइन, एक खतरनाक और अत्यधिक नशे की लत वाली सिंथेटिक दवा बनाने के लिए किया जाता है। स्यूडोफेड्रिन ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में लगभग 1.5 करोड़ रुपये प्रति किलोग्राम बिकता है। हालांकि इसके कुछ कानूनी उपयोग हैं, इसे भारत में एक नियंत्रित पदार्थ के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जो इसके उत्पादन, कब्जे, व्यापार, निर्यात और उपयोग पर सख्त विनियमन लाता है। एनडीपीएस अधिनियम, 1985 के तहत अवैध कब्ज़ा और व्यापार करने पर 10 साल तक की सज़ा हो सकती है।
कैसे हुआ रैकेट का भंडाफोड़?
यूएस ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन (डीईए) के इनपुट से संकेत मिला है कि खेप का स्रोत दिल्ली था।
तब नेटवर्क का भंडाफोड़ करने के लिए दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और एनसीबी की एक संयुक्त टीम का गठन किया गया था।
टीम द्वारा चार महीने की गहन तकनीकी और क्षेत्रीय निगरानी के बाद, यह पता चला कि दिल्ली में रैकेट के लोग ऑस्ट्रेलिया में एक और खेप भेजने की कोशिश कर रहे थे।
स्पेशल सेल द्वारा चौबीस घंटे फिजिकल निगरानी की गई, जिसके परिणामस्वरूप आखिरकार पश्चिमी दिल्ली के बसई दारापुर में एक संदिग्ध गोदाम मिला।
15 फरवरी को, जब यह गैंग मल्टीग्रेन खाद्य मिश्रण की एक खेप में स्यूडोएफ़ेड्रिन को पैक करने की कोशिश कर रहे थे, तो एनसीबी और स्पेशल सेल के कर्मियों ने गोदाम के परिसर पर छापा मारा, जिससे 50 किलोग्राम स्यूडोएफ़ेड्रिन की बरामदगी हुई और तीन आरोपियों को मौके से गिरफ्तार किया गया। तीनों आरोपी मूलतः तमिलनाडु के हैं।
एनसीबी के उप महानिदेशक (डीडीजी) ज्ञानेश्वर सिंह ने खुलासा किया ककि तीनों आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि पिछले तीन वर्षों में कुल 45 खेप भेजी गईं, जिनमें लगभग 3,500 किलोग्राम स्यूडोएफ़ेड्रिन था, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कीमत 2,000 करोड़ रुपये से अधिक है। इस सांठगांठ के मास्टरमाइंड की पहचान एक तमिल फिल्म निर्माता के रूप में की गई है, जो फरार है। उसे पकड़ने की कोशिश की जा रही है ताकि स्यूडोएफ़ेड्रिन के मूल स्रोत का पता लगाया जा सके ।
दिल्ली पुलिस के सहायक जनसंपर्क अधिकारी रंजय अब्रिस्य ने True to Life से सोमवार को बात करते हुए बताया कि NCB और दिल्ली पुलिस द्वारा चलाए गए इस ऑपरेशन में दिल्ली पुलिस ने सब्सिडियरी की भूमिका निभाते हुए आरोपियों की गिरफ़्तारी की है। गिरफ्तार आरोपियों में से एक इंग्लैंड से संबंधित है। आगे एनसीबी की टीम के द्वारा जांच जारी है।
राजस्थान से मोहित सबदानी की रिपोर्ट