Assembly Election Result 2023: हाल ही में 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में आज 4 राज्यों की काउंटिंग जारी है। जहाँ मध्य प्रदेश,राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कमल खिला है। जनता ने मोदी पर विश्वास जताते हुए बीजेपी को पूर्ण बहुमत का जनादेश दिया है। इससे इतर कांग्रेस केवल तेलंगाना में अच्छा प्रदर्शन कर पाई। यहाँ पार्टी ने सत्तारूण पार्टी BRS को करारी शिकस्त देकर जीत हासिल की है।
1) राजस्थान में BJP को बहुमत 199 विधानसभा सीटों वाले राजस्थान में कांग्रेस की सरकार थी लेकिन यहाँ हर 5 साल में सरकार बदलने का रिवाज है। बीजेपी ने रिवाज को कायम रखते हुए राजस्थान में पूर्ण बहुमत हासिल किया है। राजस्थान में पार्टी ने मोदी के नाम पर चुनाव लड़ा था अब बीजेपी की ओर से सीएम फेस कौन होगा। आखिर आलाकमान राजस्थान में किस नेता का राजतिलक करते हैं। मुख्यमंत्री पद की रेस में टॉप पर वसुंधरा राजे का नाम है, इसके अलावा सांसद दीया कुमारी, भूपेंद्र यादव,बाबा बालकनाथ,गजेंद्र शेखावत समेत कई नाम भी लिस्ट में हैं। बीजेपी किसे मुख्यमंत्री बनाती है ये तो पता लग जाएगा लेकिन जिस राज्य में कांग्रेस जीतने का दावा कर रही थी वहां बीजेपी ने बाजी कैसी पलट दी ये भी जान लेते हैं आखिर बीजेपी ने ऐसे कौन से दांव खेले जो कांग्रेस की हार का कारण बनें ?
• PM मोदी के नाम पर राजस्थान चुनाव लड़ना बीजेपी के पक्ष में गया और प्रदेश की जनता ने मोदी पर विश्वास जताया।
• राजस्थान में पार्टी का हिंदुत्व कार्ड भी काम कर गया। बीजेपी ने किसी भी मुस्लिम प्रत्याशी को नहीं उतारा।
• कन्हैयालाल केस,रेप और अपराधों के मामलों को बीजेपी ने प्रमुख मुद्दा बनाया।
2) मध्य प्रदेश में चला ‘मामा’ का जादू 230 सीटों के वाले हिंदी बेल्ट राज्य मध्य प्रदेश में बीजेपी ने प्रचंड जीत हासिल की है। पार्टी को जीत की मिठाई खिलाने का श्रेय शिवराज सिंह चौहान को जाता है। उनकी सरकार में लाई गई लाडली बहना योजना और दूसरी अनेक योजनाओं ने जनता को आश्वस्त किया। गौरतलब है, एमपी का चुनाव शिवराज सिंह चौहान नहीं बल्कि मोदी के चेहरे पर लड़ा गया था, ऐसे में बंपर जीत के बाद सवाल यही है कि प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा ? क्या एक बार फिर मामा शिवराज सिंह चौहान का राजतिलक होगा या फिर रेस में खड़े अन्य दिग्गजों पर भी आलाकमान विचार कर सकते हैं। MP सीएम फेस में शिवराज सिंह के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया को सीएम पद का बड़ा दावेदार माना जा रहा है। इसके अलावा, बीजेपी के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी फेहरिस्त में शामिल हैं लेकिन बीजेपी को जिस हिसाब से जीत मिली है,उससे सीएम के पहले दावेदार शिवराज सिंह चौहान मानें जा रहे हैं।
3) छत्तीसगढ़ में BJP ने भेदा कांग्रेस क किला कांग्रेस शासित 90 सीटों वाले छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने कांग्रेस को पटकनी देते हुए जीत दर्ज की है। छत्तीसगढ़ में बीजेपी को जनता को अप्रत्याशित समर्थन मिला। बीजेपी ने बड़ा उलटफेर करते हुए कांग्रेस को इस राज्य से भी बाहर कर दिया है। आइए ऐसे में जानते हैं छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की हार क्या कारण रहें।
• बीते 5 सालों में कांग्रेस की अंदरुनी कलह गले की फांस बन गई। खुद सीएम भूपेश बघेल और डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव के बीच कथित टकराव की खबरें आती रहीं। जिसने जतना पर बुरा प्रभाव डाला। 2019 में कांग्रेस ने शराबबंदी का वादा कर छत्तीसगढ़ में जीत हासिल की थी लेकिन इन 5 सालों में शराबबंदी पर कोई कदम नहीं उठाया जो कांग्रेस की हार का बड़ा कारण बना।
• पूरे चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर कोयला घोटाला, महादेव घोटाला करने के तमाम आरोप लगते रहे। जिससे मोदी की गारंटियों की तरफ जनता का रुझान बढ़ा।
4) तेलंगाना में कांग्रेस को बहुमत कर्नाटक जीतने के बाद कांग्रेस ने साउथ के 119 सीटों वाले तेलंगाना पर बड़ी जीत हासिल की है। कांग्रेस ने दो बार से सत्ता पर काबिज रहे KCR की पार्टी भारतीय राष्ट्र समिति (BRS) को उखाड़ फेंका है। सूबे में बहुमत का आंकड़ा 60 है और कांग्रेस ने 65 सीटें हासिल की है। जबकि सत्तसीन पार्टी BRS 38 सीटें जीत सकी। वहीं 9 सीटें बीजेपी के खाते में गई है। कांग्रेस ने केसीआर के किले को भेद दिया है। वहीं हैदराबाद में जीत का दंभ भरते असदुद्दीन औवेसी की पार्टी AIMIM की भी हालत ठीक नहीं है। पार्टी हमेशा मुस्लिम बहुल इलाकों में चुनाव लड़ती है और अन्य जगह बीआरएस को सपोर्ट करती है। औवेसी का गढ़ माने जाने वाली हैदराबाद की कारवान सीट पर भी कड़ी टक्कर है। औवेसी ने मुस्लिम वोटर्स को इकट्ठा करने का भरसक प्रयास किया लेकिन उनकी सारी कोशिशें नाकाम होती दिख रही है। वहीं नतीजें बता रहे है कि इस बार लोगों का झुकान कांग्रेस की ओर है। तेलंगाना में BRS से क्यों उठा जनता का विश्वास ? ऐसे में ये सवाल उठना भी लाजमी है कि आखिर क्यों इन 9सालों में जनता KCR सरकार से त्रस्त हो गई। इस बारे में जब लोगों से बात की तो IT कंपनी में कार्यरत वीनीत माधमशेट्टी ने बताया कि राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर था। बीते सालों में कई बार सरकार के मंत्री अधिकारियों को बड़ी-बड़ी गाड़ियां देते नजर आएं। महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ कर रख दी थी। पेट्रोल की कीमतें आसमान छू रही थीं। जिस वजह से जनता ने इस बार बदलाव का मन बनाया। वहीं ग्रहणी चैतन्या सुधा ने कहा कि तेलंगाना को अलग करने में KCR ने अहम भूमिका निभाई थी। जनता ने उन्हें दो बार तेलंगाना का मुख्यमंत्री चुना लेकिन इन 10 सालों में सरकार ने विकास तो खूब किया लेकिन आम आदमी को भूल गई। खुद KCR जमीन पर नजर नहीं आए। उन्होंने केवल अपने परिवार को सत्ता का फायदा दिया। इसलिए इस बार तेलंगाना की जनता ने बदलाव की ठानी। विधानसभा चुनावी नतीजों से ‘2024’की रूपरेखा तैयार हिंदी बेल्ट राज्य मध्य प्रदेश,राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने कमल खिलाया है। इस जीत के साथ लोकसभा चुनाव की रूपरेखा भी तैयार हो गई है। 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों को लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा था। जिसमें बीजेपी ने दमदार प्रदर्शन करते हुए जीत हासिल की। प्रचंत बहुमत के साथ बीजेपी की स्थिति मजबूत हो गई है। पिछले दो लोकसभा चुनाव में मोदी के चेहरे पर बीजेपी को बहुमत हासिल हुआ और ये जीत 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी को आश्वस्त करती है, अभी भी लोग मोदी लोगों की पहली पसंद बने हुए हैं।
Sources : AAJ TAK,Amar ujala,India Today
कानपुर से अंशिका द्वारा