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जब आश्वासन बना इलाज: सिद्धांशी की जीत


गोसाईंगंज निवासी कमल और दुलारी के घर जब पांच साल पहले पहली संतान के रूप में सिद्धांशी का जन्म हुआ तो पूरा परिवार खुशियों से झूम उठा। लेकिन जैसे ही नर्स ने बताया कि नवजात के दोनों पैर मुड़े हुए हैं, उस खुशी पर निराशा का साया छा गया। पूरा परिवार भय और अनिश्चितताओं से घिर गया।
गोसाईंगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक ने उन्हें आश्वस्त किया और नवजात सिद्धांशी को जांच के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की टीम के पास भेजा। जांच के बाद डॉक्टरों ने बताया कि सिद्धांशी पूरी तरह से ठीक हो सकती है, बशर्ते उसका चार से पाँच साल तक चरणबद्ध तरीके से इलाज किया जाए। परिवार को जिला अस्पताल के क्लबफुट क्लिनिक से जोड़ा गया, जहाँ उन्हें सही इलाज और भावनात्मक सहारा मिला
यहीं से सिद्धांशी के इलाज की यात्रा शुरू हुई। आज पाँच साल बाद सिद्धांशी न सिर्फ चलती है बल्कि दौड़ती भी है। कमल और दुलारी बेहद खुश हैं और कहते हैं कि पूरे इलाज पर एक भी पैसा खर्च नहीं हुआ। “यह सरकार की बहुत अच्छी योजना है,” वे बताते हैं।
हर साल भारत में लगभग 33,000 बच्चे क्लबफुट (पैरों के जन्मजात दोष) के साथ पैदा होते हैं, जो हर 800 नवजात में से एक को प्रभावित करता है। केवल उत्तर प्रदेश में ही हजारों बच्चों को सामान्य और सक्रिय जीवन जीने के लिए शुरुआती पहचान और निरंतर देखभाल की आवश्यकता होती है।
पिछले पाँच वर्षों से, अनुष्का फाउंडेशन फॉर एलिमिनेटिंग क्लबफुट, कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी की सीएसआर पहल के सतत सहयोग से, उत्तर प्रदेश के 46 जिलों में सिद्धांशी जैसे बच्चों को समय पर, उच्च गुणवत्ता वाला और पूरी तरह निःशुल्क इलाज सुनिश्चित कर रहा है।
• 84,000 से अधिक आशा कार्यकर्ताओं को क्लबफुट की पहचान और रेफरल के लिए संवेदनशील किया गया।
• 105 डॉक्टरों को पोंसेटी पद्धति में प्रशिक्षित किया गया, ताकि जिला स्तर पर गुणवत्तापूर्ण इलाज सुनिश्चित हो सके।
• 10,000 से अधिक बच्चों का पंजीकरण हुआ, जिनमें से 900 से अधिक बच्चों का सफलतापूर्वक इलाज पूरा हुआ।
यह प्रगति कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी के निरंतर सहयोग के बिना संभव नहीं थी। उनके दीर्घकालिक समर्थन ने अनुष्का फाउंडेशन को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के आरबीएसके कार्यक्रम के साथ साझेदारी में जागरूकता बढ़ाने, स्वास्थ्य तंत्र को मजबूत बनाने और यह सुनिश्चित करने में सक्षम बनाया कि क्लबफुट से पीड़ित प्रत्येक बच्चा चल-फिर सके, दौड़ सके और आगे बढ़ सके।
यह यात्रा जारी है और समुदायों, डॉक्टरों, आशा कार्यकर्ताओं तथा कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी जैसे साझेदारों के संयुक्त प्रयासों से हम इस लक्ष्य के और करीब पहुँच रहे हैं कि कोई भी बच्चा क्लबफुट की वजह से पीछे न छूटे।

अनुष्का फाउंडेशन फॉर एलिमिनेटिंग क्लबफुट के बारे में
अनुष्का फाउंडेशन फॉर एलिमिनेटिंग क्लबफुट एक गैर-लाभकारी संस्था है, जिसका उद्देश्य है कि क्लबफुट से जन्मे हर बच्चे को समय पर, उच्च गुणवत्ता वाला और निःशुल्क इलाज मिले। संस्था कई राज्यों में सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था के साथ मिलकर कार्य करती है, डॉक्टरों को पोंसेटी पद्धति में प्रशिक्षित करती है और सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को जागरूक करके शुरुआती पहचान और इलाज को बढ़ावा देती है।यह जानकारी अनुष्का फाउंडेशन के द्वारा दी गई।

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